Poonam Gupta: पूनम गुप्ता ने RBI के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला, मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी का होंगी हिस्सा
Deputy Governor of RBI: पूनम गुप्ता ने शुक्रवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की नई डिप्टी गवर्नर के तौर पर पदभार संभाल लिया है। अब वह RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) का भी हिस्सा होंगी। मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट तय करती है, ताकि देश में महंगाई और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बना रहे। उनकी भूमिका बेहद अहम होगी क्योंकि इस समिति के फैसले का असर लोन की ब्याज दरों, महंगाई और आम लोगों की जेब पर सीधा पड़ता है।
पूनम गुप्ता का कार्यकाल
केंद्र सरकार ने पूनम गुप्ता को 2 अप्रैल को डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया था। आज 2 मई को पदभार ग्रहण करने के दिन से उनका कार्यकाल तीन सालों या अगले आदेश तक रहेगा। पूनम गुप्ता के करियर में वर्ड बैंक और IMF में अहम रोल शामिल हैं। इन संस्थानों में, उन्होंने उभरती अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक आर्थिक नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया। उनके काम में अलग-अलग विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में रिसर्च और नीति सलाहकार की भूमिकाएं शामिल थीं।
पूनम गुप्ता को मिली ये जिम्मेदारी
पूनम गुप्ता को आरबीआई में मौद्रिक नीति समिति का हिस्सा बनाए जाने के साथ-साथ कॉर्पोरेट रणनीति और बजट, संचार, वित्तीय स्थिरता और अन्य सात विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। एम. राजेश्वर राव को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे समन्वय, विनियमन (रेगुलेशन), प्रवर्तन और जोखिम की निगरानी जैसे छह विभागों का काम देखेंगे। वहीं, डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर को सबसे ज्यादा जिम्मेदारी दी गई है। वे कुल 12 विभागों का कार्यभार संभालेंगे। इन सभी अधिकारियों की भूमिका देश की वित्तीय स्थिरता, पारदर्शिता और विकास को बनाए रखने में बहुत अहम मानी जा रही है।
इनमें केंद्रीय सुरक्षा प्रकोष्ठ, सूचना प्रौद्योगिकी, भुगतान व निपटान प्रणाली, विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग तथा वित्तीय प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं। स्वामीनाथन जानकीरमन को उपभोक्ता शिक्षा, पर्यवेक्षण, निरीक्षण तथा चार अन्य विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरबीआई के सभी चार डिप्टी गवर्नर ने शुक्रवार से अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया।